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दो फिलिस्तीनी कहानियां
उसे जब कुछ नहीं समझ आया तो उसने बोतल का ढक्कन हटाया और अंदाज़ से उस जमीन पर पूरा दूध उड़ेल दिया जहाँ वह अपने बच्चे को छोड़कर गई थी


अंधों का देश (अंग्रेज़ी कहानी)
एक अजीब चीज़ है, जो आंख कहलाती है। यह चेहरे पर एक महीन अवसाद रचने के लिए बनी होती है


पतंगबाज़ (अफ़ग़ान कहानी)
मैं जानता था कि जब डोर एक जैसी गुणवत्ता की हो तो अनुभव ही निर्णायक भूमिका निभाता है।


मैदान वाला ख़ाली मकान (कोरियाई कहानी)
कौन यक़ीन करेगा कि यह खाली घर कभी खुशियों और स्वर-लहरियों से भरा हुआ था? ऐसी खुशियों से जो शायद आपको सिर्फ़ किसी दंतकथा में ही देखने को मिले। मैदान पर चल रही हवाएँ इसकी गवाह हैं। वे जानती हैं कि सुनसान मैदान में अकेला खड़ा यह यह मकान कभी खुशियों से भरा हुआ था।


बिल्लियों का क़स्बा (मुराकामी की कहानी)
कौवों का एक झुंड कांव-कांव करता हुआ आकाश के पार चला गया। टेंगो खड़ा हुआ, अपने पिता के पास गया और उनके कंधे पर अपना हाथ रख दिया। "विदा, पिता जी, मैं जल्दी ही फिर आऊंगा।"


वृद्ध स्त्री की त्चचा (जापानी कहानी)
मुस्कराहट से उसका तात्पर्य, आतंरिक से था अथवा बाह्य से? मैंने आसानी से इसे आतंरिक समझा और अवकाश के अगले दिनों में उससे ‘स्वयं’ के रूप में मिलने का निर्णय लिया।


नाई की दुकान (नॉर्वेजियन कहानी)
आखिरकार मैं नाई की दुकान तक पहुँच ही गया। दरवाज़ा खोलकर अंदर दाखिल हुआ और यह देखकर चकित रह गया कि बीते दिनों में दुनिया कितनी बदल गई


केन का मेमना (इंडोनेशियाई कहानी)
धारा उसे दक्षिण की ओर बहा ले गई और स्वतंत्र होने की खुशी में वह चोट पहुँचाती लहरों और ठंडी हवा को भूल गया।


चूहेदानी, उर्दू कहानी
दूसरों के बिल खोदकर अपने घर बसाएंगे तो और क्या होगा। ये तबाही हमने अपने हाथों ही तो बुलाई है।


जापान की पगडंडियों पर बाशो, हर्न और बोर्गेस के पदचिह्न
हिगाशी सुझाव देती हैं कि हम अपनी आँखें बंद कर लें और हमें अपने चेहरे पर हवा का स्पर्श महसूस होता है और कौओं की काल्पनिक बातचीत सुनाई देती है
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