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टी एस एलियट की कविताएँ
बीता हुआ समय और आने वाला समय
जो हो सकता था और जो होता रहा
एक ही सिरे की ओर इशारा करते हैं, जो सदा वर्तमान है।


दो फिलिस्तीनी कहानियां
उसे जब कुछ नहीं समझ आया तो उसने बोतल का ढक्कन हटाया और अंदाज़ से उस जमीन पर पूरा दूध उड़ेल दिया जहाँ वह अपने बच्चे को छोड़कर गई थी


रोक डाल्टन की कविताएँ
मैं तुम्हारा स्वागत करता हूँ कविता
बहुत शुक्रगुज़ार हूँ आज तुमसे मुलाक़ात के लिए
(ज़िंदगी और किताबों में)
तुम्हारा वजूद सिर्फ़ उदासी के चकाचौंध कर देने वाले
भव्य अलंकरण के लिए ही नहीं
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