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वृद्ध स्त्री की त्चचा (जापानी कहानी)
मुस्कराहट से उसका तात्पर्य, आतंरिक से था अथवा बाह्य से? मैंने आसानी से इसे आतंरिक समझा और अवकाश के अगले दिनों में उससे ‘स्वयं’ के रूप में मिलने का निर्णय लिया।


भूकंप-कथा (जो बचा रह गया)
घर के बीज तो हम ख़ुद में छिपाये फिरते हैं इसीलिए सैकड़ों बार उजड़ने के बाद दोबारा स्थापित हो जाते हैं।


ली मिन-युंग का काव्य-संसार
यदि अनुवाद की सुविधा न होती तो संसार कितना निर्धन लगता! वह अनुवाद ही है जिसने भूमण्डलीकृत विश्व ग्राम के समानांतर एक सांस्कृतिक विश्वग्राम की रचना की है। भाषा और साहित्य का एक वैश्विक परिवार निर्मित किया है।
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