top of page


इतिहास के आवरण में होर्हे लुईस बोर्हेस की अपनी सृष्टि
इस्लाम जब ईरान में आया तो उसका सामना शासन और सभ्यता की लम्बी चली आ रही सुस्थापित परम्पराओं से हुआ। निश्चय ही धर्म के तौर पर इस्लाम इस नये क्षेत्र में सफल रहा, पर कहीं न कहीं वह ईरान के विचारों, दर्शन, जीवनशैली, भाषा और संस्कृति से प्रभाव ग्रहण किये बिना न रह सका होगा।


आशुतोष प्रसिद्ध की डायरी
दिनों बाद सुकून की कोई लय लगातार सुनता रहा। एक हँसी, एक छेड़ लगातार गूँजती रही। फिसलते रास्ते पर हम सम्भलकर चलते रहे और अन्ततः सही राह पा गए।


मिर्ज़ा ग़ालिब : आशिक़ या शायर
है बस कि हर इक उनके इशारे में निशा और
करते हैं मुहब्बत तो गुज़रता है गुमां और


शिवम तोमर की कविता
छोटी-छोटी सफ़ेद गोलियाँ
असंख्य विचारों के विचरण को करतीं निस्तेज
बन जाती हैं विशालकाय आलोकित हाथ
और खींच लेती हैं डूबते चित्त को


योगेंद्र गौतम की कविताएँ
मुझे मौसमों के बदलने से याद आती
लंबी कहानियां
जिनमें मिट जाता अंतर
बुढ़िया के चेहरे और वर्षावनों का


गैब्रियल मात्ज़नेफ़ : साहित्य का अपराध और वनेसा स्प्रिंगोरा का प्रतिरोध
प्रश्न यह है कि जब कोई लेखक खुले तौर पर बच्चों के साथ यौन संबंधों को महिमा के साथ प्रस्तुत करता है — और जब समाज उसे पुरस्कार, पेंशन और मंच देता है — तो क्या वह केवल लेखक रह जाता है? या फिर वह एक अपराधी बनकर भी समाज के विवेक की परीक्षा लेता है?


हिमांशु जमदग्नि की कविताएँ
यहाँ हर रात काल गश्त लगाता है
खा जाता है उन सृपों के सर
जो कोतवाल के ख़िलाफ़ जाने वाले थे


देवभूमि बनाम भूतभूमि
वक़्त बीतने के साथ उत्तराखंड के गाँवों से लोग पलायन करने लगे। गाँव ख़ाली होते गए और अब गाँवों में देवता ज़्यादा और लोग कम रह गए हैं।


शब्द शरीर
जीवन भर मृत्यु चाहने वालों के पास जब मृत्यु पहुँचती है तो वो भागते फिरते हैं। भागने वालों के लिए कोई भी दुनिया सुकून भरी नहीं हो सकती।
bottom of page
%20(3).png)

